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गंगा चालीसा के पाठ का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। गंगा चालीसा एक भक्ति काव्य है जो माँ गंगा की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करता है। गंगा…

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“भये प्रकट कृपाला” श्रीरामचरितमानस का एक लोकप्रिय स्तोत्र है। इसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है। यह श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड में स्थित है। इस स्तोत्र में भगवान श्रीराम के जन्म…

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श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम् यह प्रभु श्री राम की स्तुति है। इस स्तुति के पाठ से प्रभु श्री राम प्रसन्न होते हैं ,और मनुष्य के जीवन…

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हनुमान अष्टक में कुल आठ पद है। हनुमान अष्टक की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है। आठ पद होने के कारण इस श्लोक को अष्टक कहा जाता है। हनुमान…

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हनुमान जी एक ऐसे देवता है जो कलयुग में भी पृथ्वी पर विराजमान है। भगवान हनुमान की पूजा आराधना करने से मनुष्य हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता…

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हिन्दू धर्म में भगवान् हनुमान को महत्वपूर्ण देवताओं में से एक माना जाता है, जिनकी हिंदू धर्म में पूजा की जाती है। हनुमान जी को कलयुग में जागृत देवताओं में…

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राम रक्षा स्तोत्र का पाठ भगवान् राम की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। राम रक्षा स्तोत्र की रचना बुद्ध कौशिक ऋषि जिन्हें ऋषि विश्वामित्र भी कहते हैं,…

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भजे विशेषसुन्दरं समस्तपापखण्डनम् ।स्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव राममद्वयम् ॥ १ ॥जटाकलापशोभितं समस्तपापनाशकं ।स्वभक्तभीतिभञ्जनं भजे ह राममद्वयम् ॥ २ ॥निजस्वरूपबोधकं कृपाकरं भवापहम् ।समं शिवं निरञ्जनं भजे ह राममद्वयम् ॥ ३ ॥सहप्रपञ्चकल्पितं ह्यनामरूपवास्तवम् ।निराकृतिं…

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माँ दुर्गा की आरती का नवरात्री में विशेष महत्व है। नवरात्री में सुबह और शाम माँ दुर्गा की पूजा के बाद प्रतिदिन माँ की आरती करनी चाहिए। घी या कपूर…

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बेलपत्र भगवान् शिव को अत्यंत ही प्रिय है।भगवान् शिव की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। श्री शिव बिल्वाष्टक एक शक्तिशाली मंत्र है , जिसमे बेलपत्र की महिमा…

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लिंगाष्टकम भगवान शिव के लिंग रूप की पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। लिंगाष्टकम में भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया गया है। जैसे शंख और चक्र को…

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शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र के रचयिता आदि गुरु शंकराचार्य जी है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक महामंत्र है। शिवपञ्चाक्षर स्तोत्र पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय पर आधारित है,जिसमे…

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