ram ki aarti

1 Article
1
2 Min Read
9

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम् | नवकंज लोचन कंज मुखकर कंजपद कन्जारुणम् || कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरज सुन्दरम् | पट्पीत मानहुँ तडित रूचि शुचि…

Continue Reading