हिंदू धर्म में गंगा आरती अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण मानी जाती है। वाराणसी, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे धार्मिक स्थलों पर गंगा आरती का आयोजन प्रतिदिन शाम को गंगा नदी के तट पर किया जाता है। माँ गंगा की आरती करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं

(१) आध्यात्मिक शांति और संतोष: गंगा आरती में भाग लेने से मन को शांति और संतोष मिलता है। इसकी मधुर ध्वनि और दिव्य माहौल से मानसिक तनाव दूर होता है और आंतरिक शांति मिलती है।

(२) पवित्रता और शुद्धिकरण: गंगा नदी को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। गंगा आरती के दौरान किए गए मंत्रों और आरती के गीतों से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

(३) धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ: गंगा आरती में भाग लेने से भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा बढ़ती है। इससे धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है और भगवान के प्रति आस्था प्रबल होती है।

४) सकारात्मक ऊर्जा का संचार: गंगा आरती के दौरान चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे आसपास की जगहों में सकारात्मकता फैलती है और माहौल पवित्र और सुखदायक बनता है।

(५) मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य: गंगा आरती की मधुर ध्वनि और भक्तिमय माहौल से मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे मनोबल बढ़ता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

(६) समुदाय और सांस्कृतिक जुड़ाव: गंगा आरती के आयोजन से समुदाय में आपसी जुड़ाव और सांस्कृतिक मेलजोल बढ़ता है। इससे समाज में एकता और सहयोग की भावना प्रबल होती है।

(७) मुक्ति और मोक्ष: हिंदू धर्म में गंगा नदी को मोक्ष देने वाली मानी जाती है। गंगा आरती में भाग लेने से आत्मा की शुद्धि होती है और मोक्ष प्राप्ति की दिशा में प्रगति होती है।

इन लाभों के कारण गंगा आरती का विशेष महत्व है और इसे प्रतिदिन नियमित रूप से किया जाता है। इसमें भाग लेने से जीवन में शांति, सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

श्री गंगा आरती

ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता,
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता !!

चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता,
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता !!
ॐ जय गंगे माता…!!

पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता,
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता !!
ॐ जय गंगे माता…!!

एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता,
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता !!
ॐ जय गंगे माता…!!

आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता,
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता !!
ॐ जय गंगे माता…!!

ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता,
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता !!

ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता !!

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