हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तथा उनकी कृपा प्राप्ति के लिए की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार , एकादशी तिथि पर व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
मान्यता है कि एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा और व्यक्ति को भगवान विष्णु के साथ – साथ माँ लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. भाद्रपद (भादो) माह के शुक्लपक्ष में आने वाली एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की परिवर्तिनी एकादशी तिथि के दिन भगवान् विष्णु अपनी योग निद्रा में करवट लेते हैं अर्थात अपने शयन की स्थिति में परिवर्तन लातें है इस कारन इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा गया है। परिवर्तिनी एकादशी को पद्मा एकादशी या जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। परिवर्तिनी एकादशी को विष्णु भगवान् के वामन रूप की पूजा की जाती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि जो भक्त प्रत्येक एकादशी व्रत का पालन करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
परिवर्तिनी एकादशी तिथि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 सितंबर सुबह 10:25 पर शुरू हो रही है और इस तिथि की समाप्ति 14 सितंबर सुबह 08:45 पर होगी। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और व्रत के लिए उदया तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में उदय तिथि के मान्यतानुसार परिवर्तिनी एकादशी व्रत का 14 सितंबर 2024, शनिवार के दिन रखा जाएगा।