सत्यनारायण जी की पूजा करना बहुत ही शुभ होता है। इस व्रत और पूजा को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। रोग और कष्ट से मुक्ति मिलती है। धन सम्पति की प्राप्ति होती है तथा जीवन में सफलता मिलती है। भगवान् सत्यनारायण की पूजा के बाद सत्यनारायण जी की आरती करने का बड़ा ही अधिक महत्व है। पूजनोपरांत आरती करने से भगवान् सत्यनारायण प्रसन्न होते हैं और मनुष्य को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
सत्यनारायण भगवान की पूजा करने के पश्चात सत्यनारायण जी की आरती पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए.
|| श्री सत्यनारायण जी की आरती ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा |
सत्यनारायण स्वामी ,जन पातक हरणा ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय….
रत्नजडित सिंहासन , अद्भुत छवि राजें |
नारद करत निरतंर घंटा ध्वनी बाजें ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय….
प्रकट भयें कलिकारण ,द्विज को दरस दियो |
बूढों ब्राम्हण बनके ,कंचन महल कियो ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय…..
दुर्बल भील कठार, जिन पर कृपा करी |
च्रंदचूड एक राजा तिनकी विपत्ति हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय…..
वैश्य मनोरथ पायों ,श्रद्धा तज दिन्ही |
सो फल भोग्यों प्रभूजी , फेर स्तुति किन्ही ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय…..
भाव भक्ति के कारन .छिन छिन रुप धरें |
श्रद्धा धारण किन्ही ,तिनके काज सरें ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय…..
ग्वाल बाल संग राजा ,वन में भक्ति करि |
मनवांचित फल दिन्हो ,दीन दयालु हरि ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय…..
चढत प्रसाद सवायों ,केदली फल मेवा |
धूप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय…..
सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे |
ऋद्धि सिद्धी सुख संपत्ति सहज रुप पावे ||
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय…..
ॐ जय लक्ष्मीरमणा स्वामी जय लक्ष्मीरमणा |
सत्यनारायण स्वामी ,जन पातक हरणा ||
|| श्री सत्यनारायण आरती समाप्त ||