एकादशी व्रत का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत भगवान् विष्णु को समर्पित होता है। पूरे वर्ष में कुल चौबीस एकादशी आती है। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है।आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इंदिरा एकादशी पितृ पक्ष के दौरान आती है। पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा की जाती है। साथ ही उनका तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इंदिरा एकादशी को श्राद्ध एकादशी भी कहा जाता है।
इंदिरा एकादशी पितृपक्ष के दौरान आती है, इसलिए श्राद्ध के दिनों में इस एकादशी में विष्णु पूजा करने से पितरों को तृप्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पद्म पुराण के अनुसार इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत कर इसके पुण्य को पूर्वजों को समर्पित कर दिया जाए, तो उन्हें मोक्ष मिल जाता है और व्रत करने वाले को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। इस एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति के सात पीढ़ियों तक के पितर तृप्त हो जाते हैं।