भजे विशेषसुन्दरं समस्तपापखण्डनम् ।स्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव राममद्वयम् ॥ १ ॥जटाकलापशोभितं समस्तपापनाशकं ।स्वभक्तभीतिभञ्जनं भजे ह राममद्वयम् ॥ २ ॥निजस्वरूपबोधकं कृपाकरं भवापहम् ।समं शिवं निरञ्जनं भजे ह राममद्वयम् ॥ ३ ॥सहप्रपञ्चकल्पितं ह्यनामरूपवास्तवम् ।निराकृतिं…
Shree Ram stuti
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