जय जय जय रविदेव जय जय जय रविदेव |
रजनीपति मदहारी शतलद जीवन दाता ||

पटपद मन मदुकारी हे दिनमण दाता |
जग के हे रविदेव जय जय जय स्वदेव ||

नभ मंडल के वाणी ज्योति प्रकाशक देवा |
निजजन हित सुखराशी तेरी हम सब सेवा ||

करते हैं रविदेव जय जय जय रविदेव |
कनक बदन मन मोहित रुचिर प्रभा प्यारी ||

नित मंडल से मंडित अजर अमर छविधारी |
हे सुरवर रविदेव जय जय जय रविदेव ||
        ॥ इति श्री सूर्य आरती ॥