माँ सरस्वती की पूजा के बाद माँ सरस्वती की आरती करने का विशेष महत्व है। घी के दिए के साथ माँ की आरती करने से माँ प्रसन्न होती है। माँ सरस्वती की आरती का लिरिक्स निम्नलिखित है।
माँ की आरती
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता,
सदगुण वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
चंद्रवदनि पदमासिनी द्युति मंगलकारी,
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेज धारी ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला,
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
देवि शरण जो आए, उनका उद्धार किया,
पैठि मंथरा दासी, रावण संहार किया ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
विद्या ज्ञान प्रदायिनि ,ज्ञान प्रकाश भरो,
मोह, अज्ञान तिमिर का , जग से नाश करो ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
धूप, दीप, फल, मेवा, माँ स्वीकार करो,
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ||
जय जय सरस्वती माता
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
माँ सरस्वतीजी की आरती, जो कोई जन गावै,
हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावै ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता,
सदगुण वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ||
जय जय सरस्वती माता,
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ||